Natural Structure of India
(भारत के प्राकृतिक प्रदेश)
Indian Geography
विन्ध्याचल पर्वतमाल (Vindhyachal Range)
- विन्ध्याचल पर्वतमाला विन्ध्य, भारनेर, कैमूल तथा पारसनाथ पहाडि़यों से मिलकर बनी हैं।
- विन्ध्याचल पर्वतमाला प्राचीन युग की परदार चट्टानों से निर्मित है, जिसमें लाल बलुआ पत्थर की प्रधानता पाई जाती है।
- विंध्याचल पर्वतमाला ही उत्तर भारत की गंगा नदी क्रम को दक्षिण भारत के नदी क्रम से अलग करती है।
- विंध्याचल पर्वतमाला नर्मदा नदी की दरारघाटी का खड़ा कगार माना जाता है।
- कैमूर पर्वत (बिहार में सासाराम के पास) सोन नदी की दरार घाटी का खड़ा कगार है।
सतपुड़ा पर्वतमाला (Satpura Range)
- सतपुड़ा पर्वतमाला नर्मदा और ताप्ती नदियों के बीच पश्चिम में राजपिपला की पहाड़ी से प्रारंभ होकर पूर्व एवं उत्तर पूर्व में महादेव तथा मैकाल पहाडि़यों के रूप में छोटा नागपुर पठार तक विस्तृत है।
- सतपुड़ा पर्वतमाला की पूर्वी सीमा राजमहल की पहाड़ी बनाती है – सतपुड़ा, महादेव, धूपगढ़, मैकाल, अमरकण्टक, राजमहल।
- सतपुड़ा पर्वतमाला की औसत ऊंचाई 760 मीटर है।
- सतपुड़ा पर्वतमाला की सर्वोच्च चोटी महादेव पर्वत पर स्थित धूपगढ़(1350 मीटर) है।
- मध्य प्रदेश में स्थित महादेव पहाड़ी पर ही मध्य प्रदेश का प्रमुख पर्वतीय नगर पंचमढ़ी(होशंगाबाद जिला) स्थित है।
- मैकाल पर्वत का सर्वोच्च शिखर अमरकंटक है। अमरकंटक से नर्मदा एवं सोन नदियां निकलती हैं।
- मैकाल पर्वत से पूर्व राजमहल की पहाड़ी तथा उससे पूर्व मेघालय की पहाड़ी स्थित है।
- जबलपुरके निकट (म. प्र.) नर्मदा नदी पर धुंआधार प्रपात है।
अरावली पर्वत (Aravali Parvat)
- भारत में अरावली पर्वत अहमदाबाद (गुजरात) के निकट प्रारंभ होकर उत्तर-पूर्व में दिल्ली के दक्षिण पश्चिमतक लगभग 800 किमी.की लंबाई में विस्तार पाया जाता है।
- अरावली पर्वत की सर्वोच्च चोटी राजस्थान के माउंटआबू के निकट गुरूशिखर (1722 मीटर) है।
- अरावली पर्वतमाला उदयपुर के निकट जरगा पहाड़ी, अलवर के निकट हरसनाथ पहाड़ी तथा दिल्ली के निकट दिल्ली पहाड़ी के रूप में विस्तृत है।
- अरावली पर्वतमाला पश्चिम भारत तथा पूर्वी भारत की नदियों के लिये जलविभाजक का कार्य करता है।
- अरावली पर्वत कठोर र्क्वाट्ज चट्टानोंसे बनी है, जिसमें सीसा, तांबा, जस्ता, अभ्रक आदि खनिज प्राप्त किए जाते हैं।
पश्चिमी घाट पर्वत (Western Ghats Mountains)
- पश्चिमी घाट पर्वत को सहयाद्रि पर्वत भी कहा जाता है। इसका विस्तार ताप्ती नदी से लेकर कन्याकुमारी तक 1600 किलोमीटर की लंबाई में है।
- पश्चिमी घाट पर्वत में कई दर्रे पाये जाते हैं जिनमें थालघाट, भोरघाट तथा पालघाट प्रमुख हैं।
- थालघाट दर्रा (महाराष्ट्र) से होकर मुंबई से कलकत्ता के लिए मार्ग बनाए गये हैं।
- भोरघाट दर्रा (महाराष्ट्र) से होकर मुंबई ये पुणे के लिए मार्ग बनाए गये है।
- पालघाट दर्रा (केरल राज्य में स्थित है) से होकर मद्रास के लिए मार्ग बनाये गये हैं।
- पश्चिमी घाट पर्वत की सर्वोच्च चोटी अन्नामलाई पहाड़ी पर स्थित अन्नामुदी (2695 मीटर) है।
- नीलगिरि पर्वत का सर्वोच्च शिखर दोदाबेटा है। नीलगिरि पर्वत पूर्वी घाट एवं पश्चिमी घाट को जोड़ता है।
- अन्नामलाई पर्वत के निकट ही पालिनी की पहाड़ी (केरल) तथा कार्डामम/ इलायची की पहाड़ी (केरल) स्थित है।
- पश्चिमी घाट पर्वत में शरावती नदी पर भारत का सर्वोच्च जल प्रपात जोग या गरसोपा (225 मी.) स्थित है।
पूर्वी घाट पर्वत (Eastern Ghat Mountains)
- पूर्वी घाट पर्वत विभिन्न् पहाड़ी के रूप में प्रायद्वीपीय भारत के पूर्वी तट के सहारे स्थित है। इसकी ऊंचाई पश्चिमी घाट पर्वत की अपेक्षा कम है।
- पूर्वी घाट पर्वत की सर्वोच्च चोटी महेन्द्रगिरि (1501 मी.) है। (उड़ीसा के गंजाम जिले में)
- पूर्वी घाट का विस्तार महानदी के दक्षिण उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम की ओर है।
- पूर्वी घाट पर्वत में उत्तर से दक्षिण की ओर क्रमश: शिवराय, नल्लामलई, पालकोंड़ा तथा नीलगिरि पहाडि़यां पाई जाती हैं।
- पूर्वी घाट पर्वत में कावेरी और पेन्नार नदियों के मध्य स्थित मेलागिरि श्रेणीचंदनके लिये विख्यात है।
- दक्षिण भारत में कावेरी नदी, पूर्वी घाट को काटकर होजकल जलप्रपात बनाती है।
- प्रायद्वीपीय भारत की नर्मदा, ताप्ती, दामोदर तथा स्वर्ण रेखा नदी भ्रंशजनित नदियां हैं।
- भारत में काठियावाड़ प्रायद्वीप (गुजरात) के अधिकांश भाग पर बालूका स्तूप पाए जाते हैं।
- काठियावाड़ प्रायदवीप का सर्वोच्च शिखर गिरनार / गिरपहाड़ी (गुजरात) है जो सफेद शेरों के लिए प्रसिद्ध है।
मध्यवर्ती विशाल मैदान (Central Plain)
- हिमालय के दक्षिण में करीब 2400 किमी लंबाई में पूर्व से पश्चिम की ओर भारत के विशाल मैदान का विस्तार पाया जाता है।
- भारत का विशाल मैदान देश के संपूर्ण क्षेत्र के एक तिहाई भाग में विस्तृत है।
- भारत के विशाल मैदान का सम्पूर्ण क्षेत्रफल 7 लाख वर्ग किलोमीटर है।
- भारत के विशाल मैदान की चौड़ाई करीब 150-400 किमी तक मानी जाती है।
- विशाल मैदान में पाई जाने वाली अवसादों / जलोढ़ो की गहराई 2000 मीटर तक मानी जाती है।
- भारत के विशाल मैदान का निर्माण सिन्धु, गंगा, ब्रम्हपुत्र, तथा उसकी सहायक नदियों द्वारा लाए गए जलोढ़ों से हुआ है।
- भारत के विशाल मैदान को मिट्टी की विशेषता एवं ढाल के आधार पर निम्न भागों में वर्गीकृत किया जाता है – 1. भांबर प्रदेश, 2. तराई प्रदेश, 3. बांगर प्रदेश, 4. खादर प्रदेश, 5. रेह प्रदेश, 6. भूड़ प्रदेश, 7. डेल्टाई प्रदेश।
भांबर प्रदेश (Bhambar Pradesh)
- भारत में भांबर प्रदेश का विस्तार, शिवालिक पर्वत श्रेणी की तलहटी में सिन्धु से लेकर तीस्ता नदी तक अविच्छिन्न रूप में पाया जाता है।
- भांबर प्रदेश से अभिप्राय हिमालय से उतरकर मैदानों में प्रवेश करने वाली नदियों द्वारा बिछाई गई कंकड़-पत्थर के मैदानी क्षेत्र से होता है, जहां नदियां प्राय: विलीन हो जाती हैं। इस प्रदेश की चौड़ाई 8 से 16 किमी तक होती है।
- भांबर प्रदेश के दक्षिण अपेक्षाकृत अधिक समतल महीन कंकड़ पत्थरों का प्रदेश जहां जल और आद्रता की अधिकता के कारण भूमि दलदली पाई जाती है तराई प्रदेश कहलाता है।
तराई प्रदेश (Terai Province)
- तराई प्रदेश घने वन तथा वन्य जीवों से परिपूर्ण हैं। इस प्रदेश की चौड़ाई 15-30 किमी तक होती है।
बांगर प्रदेश (Bangar Pradesh)
- तराई प्रदेश के पश्चात् भारत का विशाल मैदानी क्षेत्र बांगर प्रदेश कहलाता है। बांगर प्रदेश में पुराने जलोढ़ अवसाद पाए जाते हैं।
खादर प्रदेश (Khadar Pradesh)
- बांगर प्रदेश के पश्चात् स्थित नवीन जलोढ़ों से निर्मित मैदान जहां प्रतिवर्ष बाढ़ का जल पहुंचता है खादर प्रदेश कहलाता है। खादर प्रदेश भारत के विशाल मैदानी क्षेत्र का सर्वाधिक उपजाऊ प्रदेश होता है।
रेह प्रदेश (Reh Region)
- बांगर मिट्टी प्रदेश के उन क्षेत्रों में जहां सिंचाई की अधिकता के कारण कहीं-कहीं भूमि पर नमकीन सफेद परत पाई जाती है उसे रेह या कल्लर कहा जाता है।
- भारत में रेह या कल्लर मिट्टी का विस्तार हरियाणा तथा पश्चिमी उ.प्र. के शुष्क भागों में हुआ है।
भूड़ प्रदेश (Bhud Pradesh)
- बांगर मिट्टी प्रदेश के उन क्षेत्रों में जहां धरातल की ऊपरी उपजाऊ एवं मुलायम मिट्टी के क्षय के कारण कंकरीली उच्च भूमि पाई जाती है, उसे भूड़ प्रदेश कहते हैं।
- भूड़ प्रदेश में बालू के ढेर पाये जाते हैं।
डेल्टाई प्रदेश (Delta Region)
- भारत में गंगा-ब्रम्हपुत्र नदियों के मुहाने के समीप डेल्टाई प्रदेश का विस्तार पाया जाता है।
- भारत का डेल्टा प्रदेश वस्तुत: खादर प्रदेश का विस्तार है।
भारत के तटीय मैदान (Coastal Plains Of India)
पश्चिमी तटीय मैदान(West Coast Plains)
- भारत की तटरेखा पश्चिम में कच्छ के रन से लेकर पूर्व में गंगा-ब्रम्हपुत्र नदी के डेल्टा तक विस्तृत है।
- पश्चिम तटीय मैदान की अपेक्षा पूर्वी तटीय मैदान अधिक चौड़ा है क्योंकि पूर्व तटीय मैदान में कई नदियां डेल्टा बनाती हैं।
- पश्चिम तटीय मैदान कच्छ की खाड़ी से लेकर कन्याकुमारी अंतरीप तक विस्तृत हैं।
- पश्चिम तटीय मैदान की अधिकतम चौड़ाई नर्मदा एवं ताप्ती नदियों तक पाई जाती है।
- पश्चिम तटीय मैदान को उत्तर से दक्षिणतक सामान्यत: तीन प्रमुखउपमैदानी क्षेत्र में विभाजित किया जाता है – 1. काठियावाड़, कोंकण मैदान, 3. मालाबार मैदान।
- काठियावाड़ मैदान का विस्तार कच्छ के रन से लेकर दमन तक है। इस मैदान में माही, साबरमती, नर्मदा और ताप्ती नदियां प्रवाहित होते हुए अरब सागर में गिरती हैं।
- कोंकण मैदान का विस्तार दमन से गोवा तक (500 किमी) मुंबई में पाया जाता है। कोंकण मैदान की चौड़ाई 50-80 किमी है।
- कोंकण मैदान की पश्चिमी क्षेत्र में लावा मिट्टी का निक्षेप पाया जाता है तथा इस मैदान में साल, सागवान आदि के वृक्ष भी पाये जाते हैं। इस मैदान में आम एवं चावल की कृषि की जाती है।
- मालाबार मैदान का विस्तार गोवासे मैंगलोर तक 225 किमी की लम्बाई में पाया जाता है। इस मैदानी/ तटीय क्षेत्र में लैगून झीलों की प्रधानता है, जिसे ‘बैकवाटर्स‘ (पश्चझील) भी कहा जाता है।
- केरल में कोचीन के निकट लैगूनों की श्रृंखला पाई जाती है जिनमें ‘बेम्बानाद झील‘ प्रमुख है।
- मालाबार मैदान क्षेत्र में सुपारी, गर्म मसाले, केला, आम, चावल तथा नारियल की कृषि की जाती है।
- केरल तटीय मैदानमें भी नारियल, चावल, सुपारी, केला, गर्म मसाले इत्यादि की कृषि होती है।
पूर्वी तटीय मैदान (Eastern Coastal Plain)
- भारत के प्रायद्वीपीय क्षेत्र में स्वर्णरेखा से लेकर कुमारी अंतरीप तक पूर्वी तटीय मैदान का विस्तार पाया जाता है।
- पूर्वी तटीय मैदान उत्तर से दक्षिण की ओर क्रमश: है – 1. कलिंग तटीय मैदान, उत्तर सरकार तटीय मैदान, 3. कोरोमंडल तटीय मैदान।
- कलिंग तटीय मैदान का विस्तार उड़ीसा में तट के सहारे 400 किमी की लंबाई में पाया जाता है।
- कलिंग तटीय क्षेत्र में ही चिल्का लैगून झील पाई जाती है।
- उत्तरी सरकार तट का विस्तार कलिंग तटीय मैदान के पश्चात् आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के डेल्टा तक पाया जाता है।
- उत्तरी सरकार तटीय मैदानी क्षेत्र में विशाखापत्तनम तथा मच्छलीपत्तनम् दो प्रसिद्ध बन्दरगाह हैं।
- कोरोमण्डल तट का विस्तार कृष्णा नदी के डेल्टाई क्षेत्र से लेकर कुमारी अंतरीप तक पाया जाता है।
- पूर्वी तटीय क्षेत्र पश्चिमी तटीय क्षेत्रकी अपेक्षा कम कटा-फटा होने के कारण इस क्षेत्र में प्राकृतिक पोताश्रय की कमी पाई जाती है।
भारतीय द्वीप (Indian Island)
- भारत में कुल 247 द्वीप पाये जाते हैं, जिनमें 204 बंगाल की खाड़ी में तथा शेष 43 अरब सागर में हैं।
अरब सागर के द्वीप (Arabian Sea Islands)
- अरब सागर में पाये जाने वाले द्वीप प्राय: प्रवाली द्वीप (लक्षद्वीप समूह) हैं।
अरब सागर में पाये जाने वाले द्वीप इस प्रकार हैं –
- गुजरात में काठियावाड़ के पास पीरम् तथा भैसला
- मुंबई के पास हैनरे, कैनरे, बूचर, स्वेलीफेंटा
- मंगलौर के पास भटकल, पीजननॉक
- खंबात की खाड़ी में वैद, नीरा, कुरूभार
- नर्मदा तथा ताप्ती नदी मुहाने के पास अलियावेट तथा खडि़यावेट।
- अरब सागर में तट के दूरवर्ती द्वीपों में लक्षद्वीप समूह प्रमुख हैं।
- लक्षद्वीप समूह का संपूर्ण क्षेत्रफल 32 वर्ग किमी है। इसमें सबसे बड़ा द्वीप लक्षद्वीप है।
- लक्षद्वीप समूह की राजधानी कावारत्ती लक्षद्वीप में स्थित है। लक्षद्वीप समूह का सबसे छोटा द्वीप अमीनीदीव है।
- लक्षद्वीप समूह में सबसे बड़ा दक्षिणतम द्वीप मिनीकोय है। लक्षद्वीप समूह प्रावाली द्वीप है, जिसमें नारियल के वृक्षों की प्रधानता पाई जाती है।
बंगाल की खाड़ी के द्वीप (Bay of Bengal Islands)
- बंगाल की खाड़ी में अंडमान निकोबार द्वीप समूह प्रमुख द्वीप समूह हैं।
- अंडमान निकोबार द्वीप समूह की दूरी भारत के मुख्य भूमि से 220 किमी है, जो अर्द्ध चन्द्रकार रूप में विस्तृत है।
- अंडमान निकोबार का प्रमुख द्वीप अंडमान द्वीप समूह है।
- अंडमान द्वीप समूह के प्रमुख द्वीप क्रमश: हैं – 1. उत्तरी अण्डमान, मध्यवर्ती अण्डमान, 3. दक्षिणी अण्डमान, 4. लघु अण्डमान।
- अंडमान द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर दक्षिणी अण्डमान में स्थित है।
- निकोबार द्वीप समूह तथा छोटे अण्डमान के मध्य 100 चैनल (नहर) प्रवाहित होती है।
- निकोबार द्वीप समूह 19 द्वीपों का समूह है जिसका उत्तरी भाग कार निकोबार तथा दक्षिणी भाग ग्रेट (महान) निकाबार कहलाता है।
- कार निकोबार तथा महान निकोबार के मध्य सोमबरेरो चैनल प्रवाहित होती है।
- अण्डमान निकोबार द्वीप समूह में दो ज्वालामुखीय द्वीप पाये जाते हैं – बैरन द्वीप तथा नरकोंडन द्वीप।
भारत के अन्य द्वीप (Other Islands Of India)
- हुगली नदी के मुहाने से दूर गंगा सागर बंगाल की खाड़ी में स्थित भारत का एक प्रमुख द्वीप है।
- बंगाल की खाड़ी में स्थित न्यू मूर द्वीप भारत एवं बांग्लादेश के मध्य प्रमुख विवादित द्वीप है।
- भारत एवं श्रीलंका के मध्य मन्नार की खाड़ी में पाम्बन द्वीप है।
- आंध्रप्रदेश की पुलिकट झील में श्रीहरिकोटा द्वीप स्थित है।
- तमिलनाडु स्थित तूतीकोरन के निकट हेयर द्वीप पाए जाते हैं, जो प्रवाली द्वीप हैं।
- असोम में ब्रम्हपुत्र नदी में स्थित माजुली द्वीप संसार का सबसे बड़ा नदी द्वीप है।