सच्चे स्वराज की रूपरेखा
(Sache Swaraj Ki Rooprekha)
Pustak Ke Lekhak (Author of Book) : राजीव दीक्षित (Rajiv Dixit)
Pustak Ki Bhasha (Language of Book) : हिंदी (Hindi)
Pustak Ka Akar (Size of Ebook) : 02.4 MB
Pustak Mein Kul Prashth (Total pages in ebook) : 78
Book Details :
आज हमारा देश भारत एक असहाय यात्री बन गया है जो घने जंगल में अपना रास्ता भूल गया है, और जंगली जानवरों से सुरक्षित लौटने की कोई उम्मीद नहीं है। आजादी के पचास साल बाद, भारत इस तरह के गलत रास्ते पर चल रहा है, जहां से कोई भी सही स्वराज्य का रास्ता नहीं ढूंढ रहा है
(Today our country India has become a helpless traveler who has forgotten its way in the thick forest, and there is no hope of returning safe from wild animals. Fifty years after Independence, India is walking on such a wrong path, from which no one is seeking the right path of Swarajya)
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वक्त बदल सकता है, तकदीर खिल जाती है... जब कोई हाथों की लकीरों को पसीने से धोया करता है. . .〽
हार या असफलता के भय को दिल में पालकर जीने से अच्छा हैं कि हम अपने लक्ष्य के लिए नित नए प्रयास अनवरत करते रहे . . . 〽
अपने लक्ष्य को इतना महान बना दो कि व्यर्थ के लिए समय ही न बचे . . . 〽
मुश्किलो मे भाग जाना आसान, हर पहलु जिदंगी का इम्तहान होता है. डरने वालो को कुछ मिलता नहीँ जिदंगी मे , लङने वालो के कदमोँ मे जहॉन होता है. . . 〽
सपने ओर लक्ष्य में एक ही अंतर हे.....सपने के लिए बिना मेहनत की नींद चाहिए, ओर लक्ष्य के लिए बिना नींद की मेहनत...〽
हार या असफलता के भय को दिल में पालकर जीने से अच्छा हैं कि हम अपने लक्ष्य के लिए नित नए प्रयास अनवरत करते रहे . . . 〽
नदी की धार के विपरीत जाकर देखिये, हिम्मत को हर मुश्किल में आज़मा कर देखिये, आँधियाँ खुद मोड़ लेंगी अपना रास्ता . . . 〽
ज़िन्दगी दर्द कभी नहीं देती, दर्द तो बुरे कर्म देते है. . . ☝जिन्दगी सिर्फ रंग मंच है, कैसे खेलना है ये हमपे निर्भर करता है. . . 〽