आधुनिक अर्थशास्त्र
(Adhunik Arthashastra)
Pustak Ke Lekhak (Author of Book) : पी. सी. जैन (P. C. Jain)
Pustak Ki Bhasha (Language of Book) : हिंदी (Hindi)
Pustak Ka Akar (Size of Book) : 24.6 MB
Pustak Mein Kul Prashth (Total pages in ebook) : 594
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Book Details :
प्रत्येक व्यक्ति की कई ज़रूरतें होती हैं, लेकिन माल या सेवाओं जिनकी आवश्यकता पूर्ति शक्ति होती है, मुक्त नहीं होती है। उन वस्तुओं या सेवाओं को प्राप्त करने के लिए परिश्रम की आवश्यकता है
(Each person has many needs, but the goods or services that require fulfillment power are not free. To get those goods or services to work harder)
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वक्त बदल सकता है, तकदीर खिल जाती है... जब कोई हाथों की लकीरों को पसीने से धोया करता है. . .〽
हार या असफलता के भय को दिल में पालकर जीने से अच्छा हैं कि हम अपने लक्ष्य के लिए नित नए प्रयास अनवरत करते रहे . . . 〽
अपने लक्ष्य को इतना महान बना दो कि व्यर्थ के लिए समय ही न बचे . . . 〽
मुश्किलो मे भाग जाना आसान, हर पहलु जिदंगी का इम्तहान होता है. डरने वालो को कुछ मिलता नहीँ जिदंगी मे , लङने वालो के कदमोँ मे जहॉन होता है. . . 〽
सपने ओर लक्ष्य में एक ही अंतर हे.....सपने के लिए बिना मेहनत की नींद चाहिए, ओर लक्ष्य के लिए बिना नींद की मेहनत...〽
हार या असफलता के भय को दिल में पालकर जीने से अच्छा हैं कि हम अपने लक्ष्य के लिए नित नए प्रयास अनवरत करते रहे . . . 〽
नदी की धार के विपरीत जाकर देखिये, हिम्मत को हर मुश्किल में आज़मा कर देखिये, आँधियाँ खुद मोड़ लेंगी अपना रास्ता . . . 〽
ज़िन्दगी दर्द कभी नहीं देती, दर्द तो बुरे कर्म देते है. . . ☝जिन्दगी सिर्फ रंग मंच है, कैसे खेलना है ये हमपे निर्भर करता है. . . 〽