मातृ दर्शन :
(Matru Darshan)(Matri Darshan) :
Pustak Ke Prakashak (Publisher of Book) : आनंदमयी संघ (Anandamayi Sangh)
Pustak Ki Bhasha (Language of Book) : हिंदी (Hindi)
Pustak Ka Akar (Size of Ebook) : 3.0 MB
Pustak Mein Kul Prashth (Total pages in ebook) : 88
Book Details :
अखण्ड-भाव-खान मातृ के श्री श्री माता की तुलना विशाल आकाश के साथ ही संभव हो सकती है। उनकी विशाल प्रकृति का विवरण मानव शक्ति से परे है। फिर भी, भक्त भक्त, उनकी अतिमानवी भावना, और विलास की दयालु करुणा ..............
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(The comparison of Sri Sri Mata of Mother and Mother-Mother Mata can be possible only with Vishal Akash. The description of their vast nature is beyond human power. Nevertheless, the devotee, his superhuman sentiment, and the compassionate compassion of luxury ..............)
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वक्त बदल सकता है, तकदीर खिल जाती है... जब कोई हाथों की लकीरों को पसीने से धोया करता है. . .〽
हार या असफलता के भय को दिल में पालकर जीने से अच्छा हैं कि हम अपने लक्ष्य के लिए नित नए प्रयास अनवरत करते रहे . . . 〽
अपने लक्ष्य को इतना महान बना दो कि व्यर्थ के लिए समय ही न बचे . . . 〽
मुश्किलो मे भाग जाना आसान, हर पहलु जिदंगी का इम्तहान होता है. डरने वालो को कुछ मिलता नहीँ जिदंगी मे , लङने वालो के कदमोँ मे जहॉन होता है. . . 〽
सपने ओर लक्ष्य में एक ही अंतर हे.....सपने के लिए बिना मेहनत की नींद चाहिए, ओर लक्ष्य के लिए बिना नींद की मेहनत...〽
हार या असफलता के भय को दिल में पालकर जीने से अच्छा हैं कि हम अपने लक्ष्य के लिए नित नए प्रयास अनवरत करते रहे . . . 〽
नदी की धार के विपरीत जाकर देखिये, हिम्मत को हर मुश्किल में आज़मा कर देखिये, आँधियाँ खुद मोड़ लेंगी अपना रास्ता . . . 〽
ज़िन्दगी दर्द कभी नहीं देती, दर्द तो बुरे कर्म देते है. . . ☝जिन्दगी सिर्फ रंग मंच है, कैसे खेलना है ये हमपे निर्भर करता है. . . 〽