साधना और सिद्धि
(Yoga and Perfection)
Pustak Ke Lekhak (Author of Book) : स्वामी पूर्णानन्द (Swami Purnananda)
Pustak Ki Bhasha (Language of Book) : हिंदी (Hindi)
Pustak Ka Akar (Size of Ebook) : 1.1 MB
Pustak Mein Kul Prashth (Total pages in ebook) : 274
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Book Details :
पूज्य पदन श्री पूर्णानंद जी महाराज, मेरे पिता पं। जनरायान जी के गुरुदेव का जन्म लगभग 140 साल पहले बंगाली शिवालय, हरिद्वार रोड, ऋषिकेश में हुआ था।
(Pujya Padan Shri Purnanand ji Maharaj, my father Pt. Gurudev was born in Janraayan ji, about 140 years ago at the Bengali Shivalaya, Haridwar Road, Rishikesh.)
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वक्त बदल सकता है, तकदीर खिल जाती है... जब कोई हाथों की लकीरों को पसीने से धोया करता है. . .〽
हार या असफलता के भय को दिल में पालकर जीने से अच्छा हैं कि हम अपने लक्ष्य के लिए नित नए प्रयास अनवरत करते रहे . . . 〽
अपने लक्ष्य को इतना महान बना दो कि व्यर्थ के लिए समय ही न बचे . . . 〽
मुश्किलो मे भाग जाना आसान, हर पहलु जिदंगी का इम्तहान होता है. डरने वालो को कुछ मिलता नहीँ जिदंगी मे , लङने वालो के कदमोँ मे जहॉन होता है. . . 〽
सपने ओर लक्ष्य में एक ही अंतर हे.....सपने के लिए बिना मेहनत की नींद चाहिए, ओर लक्ष्य के लिए बिना नींद की मेहनत...〽
हार या असफलता के भय को दिल में पालकर जीने से अच्छा हैं कि हम अपने लक्ष्य के लिए नित नए प्रयास अनवरत करते रहे . . . 〽
नदी की धार के विपरीत जाकर देखिये, हिम्मत को हर मुश्किल में आज़मा कर देखिये, आँधियाँ खुद मोड़ लेंगी अपना रास्ता . . . 〽
ज़िन्दगी दर्द कभी नहीं देती, दर्द तो बुरे कर्म देते है. . . ☝जिन्दगी सिर्फ रंग मंच है, कैसे खेलना है ये हमपे निर्भर करता है. . . 〽