नाग और शबनम
(Naag Aur Shabnam)
Pustak Ke Lekhak (Author of Book) : कृष्ण चंदर (Krishan Chander)
Pustak Ki Bhasha (Language of Book) : हिंदी (Hindi)
Pustak Ka Akar (Size of Ebook) : 1.5 MB
Pustak Mein Kul Prashth (Total pages in ebook) : 152
Book Details :
Krishna Chandar is the voice of the soul of today's India, the pleasures of India and its inhabitants are given as a living and strong example of sadness, no writer as it is. His stories are also for society and person and mortal, a new collection of such fresh and interesting stories
(कृष्ण चंदर आज की भारत की आत्मा की आवाज है भारत और उसके निवासियों के सुखों को वे उदासी के जीवित और मज़बूत उदाहरण के रूप में दिए जाते हैं, जितना कोई लेखक नहीं। उनकी कहानियां समाज और व्यक्ति और नश्वर के लिए भी हैं इस तरह के ताजा और दिलचस्प कहानियों का एक नया संकलन)
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वक्त बदल सकता है, तकदीर खिल जाती है... जब कोई हाथों की लकीरों को पसीने से धोया करता है. . .〽
हार या असफलता के भय को दिल में पालकर जीने से अच्छा हैं कि हम अपने लक्ष्य के लिए नित नए प्रयास अनवरत करते रहे . . . 〽
अपने लक्ष्य को इतना महान बना दो कि व्यर्थ के लिए समय ही न बचे . . . 〽
मुश्किलो मे भाग जाना आसान, हर पहलु जिदंगी का इम्तहान होता है. डरने वालो को कुछ मिलता नहीँ जिदंगी मे , लङने वालो के कदमोँ मे जहॉन होता है. . . 〽
सपने ओर लक्ष्य में एक ही अंतर हे.....सपने के लिए बिना मेहनत की नींद चाहिए, ओर लक्ष्य के लिए बिना नींद की मेहनत...〽
हार या असफलता के भय को दिल में पालकर जीने से अच्छा हैं कि हम अपने लक्ष्य के लिए नित नए प्रयास अनवरत करते रहे . . . 〽
नदी की धार के विपरीत जाकर देखिये, हिम्मत को हर मुश्किल में आज़मा कर देखिये, आँधियाँ खुद मोड़ लेंगी अपना रास्ता . . . 〽
ज़िन्दगी दर्द कभी नहीं देती, दर्द तो बुरे कर्म देते है. . . ☝जिन्दगी सिर्फ रंग मंच है, कैसे खेलना है ये हमपे निर्भर करता है. . . 〽