गाँधी जी की देन
(Gandhi Ji Ki Den)
पुस्तक के लेखक (Author of Book) : डॉ. राजेन्द्र प्रसाद (Dr. Rajendra Prasad)
पुस्तक की भाषा (Language of Book) : हिंदी (Hindi)
पुस्तक का आकर (Size of Ebook) : 17 MB
कुल पन्ने (Total pages in ebook) : 122
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Book Details :
Mandal has published many books of Mahatma Gandhi so far. Some books have emerged from many writers about them and some of them are ideologues. The book presented is a valuable publication of this condition
(मंडल ने अब तक महात्मा गांधी की कई किताबें प्रकाशित की हैं। कुछ किताबें उनके बारे में कई लेखकों से उभरी हैं और उनमें से कुछ विचारधाराएं हैं। प्रस्तुत पुस्तक इस शर्त का एक मूल्यवान प्रकाशन है)
Best Thoughts : For More Thoughts Go To > Rclipse Thoughts
वक्त बदल सकता है, तकदीर खिल जाती है... जब कोई हाथों की लकीरों को पसीने से धोया करता है. . .〽
हार या असफलता के भय को दिल में पालकर जीने से अच्छा हैं कि हम अपने लक्ष्य के लिए नित नए प्रयास अनवरत करते रहे . . . 〽
अपने लक्ष्य को इतना महान बना दो कि व्यर्थ के लिए समय ही न बचे . . . 〽
मुश्किलो मे भाग जाना आसान, हर पहलु जिदंगी का इम्तहान होता है. डरने वालो को कुछ मिलता नहीँ जिदंगी मे , लङने वालो के कदमोँ मे जहॉन होता है. . . 〽
सपने ओर लक्ष्य में एक ही अंतर हे.....सपने के लिए बिना मेहनत की नींद चाहिए, ओर लक्ष्य के लिए बिना नींद की मेहनत...〽
हार या असफलता के भय को दिल में पालकर जीने से अच्छा हैं कि हम अपने लक्ष्य के लिए नित नए प्रयास अनवरत करते रहे . . . 〽
नदी की धार के विपरीत जाकर देखिये, हिम्मत को हर मुश्किल में आज़मा कर देखिये, आँधियाँ खुद मोड़ लेंगी अपना रास्ता . . . 〽
ज़िन्दगी दर्द कभी नहीं देती, दर्द तो बुरे कर्म देते है. . . ☝जिन्दगी सिर्फ रंग मंच है, कैसे खेलना है ये हमपे निर्भर करता है. . . 〽