दम्पति जीवन
(Dampati Jeevan)
Pustak Ke Lekhak (Author of Book) : श्रीमती सुशीला देवी (Shrimati Susheela Devi)
Pustak Ki Bhasha (Language of Book) : हिंदी (Hindi)
Pustak Ka Akar (Size of Ebook) : 9.1 MB
Pustak Mein Kul Prashth (Total pages in ebook) : 355
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Book Details :
Unlike the book, it is very fragile that whatever is written in it, though they have the most power in them that they do not become indecent or obscene, yet it is such that despite their vigilance, they should be misused by their great will. Could
(किताब के विपरीत बहुत नाजुक है जो कुछ भी इसमें लिखे गए हैं, हालांकि उनके पास उन में सबसे ताकत है कि वे अभद्र या अश्लील नहीं बनते हैं, फिर भी यह विषय ऐसा है कि उनकी सतर्कता के बावजूद उन्हें उनकी महान इच्छा से दुरुपयोग किया जा सकता है)
Best Thoughts : For More Thoughts Go To > Rclipse Thoughts
वक्त बदल सकता है, तकदीर खिल जाती है... जब कोई हाथों की लकीरों को पसीने से धोया करता है. . .〽
हार या असफलता के भय को दिल में पालकर जीने से अच्छा हैं कि हम अपने लक्ष्य के लिए नित नए प्रयास अनवरत करते रहे . . . 〽
अपने लक्ष्य को इतना महान बना दो कि व्यर्थ के लिए समय ही न बचे . . . 〽
मुश्किलो मे भाग जाना आसान, हर पहलु जिदंगी का इम्तहान होता है. डरने वालो को कुछ मिलता नहीँ जिदंगी मे , लङने वालो के कदमोँ मे जहॉन होता है. . . 〽
सपने ओर लक्ष्य में एक ही अंतर हे.....सपने के लिए बिना मेहनत की नींद चाहिए, ओर लक्ष्य के लिए बिना नींद की मेहनत...〽
हार या असफलता के भय को दिल में पालकर जीने से अच्छा हैं कि हम अपने लक्ष्य के लिए नित नए प्रयास अनवरत करते रहे . . . 〽
नदी की धार के विपरीत जाकर देखिये, हिम्मत को हर मुश्किल में आज़मा कर देखिये, आँधियाँ खुद मोड़ लेंगी अपना रास्ता . . . 〽
ज़िन्दगी दर्द कभी नहीं देती, दर्द तो बुरे कर्म देते है. . . ☝जिन्दगी सिर्फ रंग मंच है, कैसे खेलना है ये हमपे निर्भर करता है. . . 〽