GpY5BUY0BSG7TpziGSM0BSA6TY==

राणाप्रताप सिंह हिंदी पुस्तक (Ranapratap Singh Book In Hindi) | Hindi Books In Pdf















राणाप्रताप सिंह


(Ranapratap Singh)





पुस्तक के लेखक (Author of Book) : द्विजेन्द्र लाल राय (Dwijendra Lal Ray)


पुस्तक की भाषा (Language of Book) : हिंदी (Hindi)


पुस्तक का आकर (Size of Ebook) : 6.7 MB


कुल पन्ने (Total pages in ebook) : 240



























Best Thoughts : For More Thoughts Go To > Rclipse Thoughts





वक्त बदल सकता है, तकदीर खिल जाती है... जब कोई हाथों की लकीरों को पसीने से धोया करता है. . .〽





हार या असफलता के भय को दिल में पालकर जीने से अच्छा हैं कि हम अपने लक्ष्य के लिए नित नए प्रयास अनवरत करते रहे . . . 〽





अपने लक्ष्य को इतना महान बना दो कि व्यर्थ के लिए समय ही न बचे . . . 〽





मुश्किलो मे भाग जाना आसान, हर पहलु जिदंगी का इम्तहान होता है. डरने वालो को कुछ मिलता नहीँ जिदंगी मे , लङने वालो के कदमोँ मे जहॉन होता है. . . 〽





सपने ओर लक्ष्य में एक ही अंतर हे.....सपने के लिए बिना मेहनत की नींद चाहिए, ओर लक्ष्य के लिए बिना नींद की मेहनत...〽





हार या असफलता के भय को दिल में पालकर जीने से अच्छा हैं कि हम अपने लक्ष्य के लिए नित नए प्रयास अनवरत करते रहे . . . 〽





नदी की धार के विपरीत जाकर देखिये, हिम्मत को हर मुश्किल में आज़मा कर देखिये, आँधियाँ खुद मोड़ लेंगी अपना रास्ता . . . 〽





ज़िन्दगी दर्द कभी नहीं देती, दर्द तो बुरे कर्म देते है. . . ☝जिन्दगी सिर्फ रंग मंच है, कैसे खेलना है ये हमपे निर्भर करता है. . . 〽


Type above and press Enter to search.